पद्म पत्र जैसी बचपन एक बिंदु बारिश के छलकता मेरे निरिह पन के सामने घन मेघ जैसे गंभीर वह, पद्म पत्र जैसी बचपन एक बिंदु बारिश के छलकता मेरे निरिह पन के सामने घ...
अतीत की सुरंग से गुज़र कर देखा असहज सा महसूस होता है. अतीत की सुरंग से गुज़र कर देखा असहज सा महसूस होता है.
कहीं तो दिलों की धड़कनों की गूँज है, और कहीं आँसुओं के से नदिया के धारे। कहीं तो दिलों की धड़कनों की गूँज है, और कहीं आँसुओं के से नदिया के धारे।
दुःख और सुख की यह आँखमिचौली एक स्त्री के भीतर कहीं दूर तक अपना सुरंग रचती चली आ रही है जाने कितनी... दुःख और सुख की यह आँखमिचौली एक स्त्री के भीतर कहीं दूर तक अपना सुरंग रचती चली ...